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उत्साह और स्पष्टवादिता
उल्लासपूर्ण उत्साह : जीवन का सामना करने के लिए सबसे अच्छा तरीका ।
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सच्चा उत्साह शान्त सहनशीलता से भरा होता है ।
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हमारे साहस और हमारी सहनशीलता को हमारी आशा के जितना ही महान् होना चाहिये और हमारी आशा की कोई सीमा नहीं । २ अगस्त, १९५४
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स्थिर आशा मार्ग में बहुत सहायता देती है । १५ अगस्त, १९५४
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हमारी आशाएं कभी इतनी बड़ी नहीं होती कि वे अभिव्यक्त न हो सकें । हम किसी ऐसी चीज की कल्पना नहीं कर सकते, जो हो न सके । २२ अगस्त, १९५४
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स्पष्टवादिता अपने-आपको बिना समझौता किये अपने असली रूप में दिखाती है ।
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पारदर्शिता केवल पूर्ण सचाई और निष्कपटता के परिणामस्वरूप ही आ सकती है । *
१९३ ज्योतित पारदर्शिता : 'भागवत कृपा' का प्रभाव ।
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सम्पूर्ण पारदर्शिता : पूर्ण सद्भाव और सचाई का परिणाम ।
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समग्रता परम निष्कपटता है ।
१७ दिसम्बर, १९७२
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